22 मार्च को जनता कर्फ्यू क्यों  ?

22 मार्च को जनता कर्फ्यू क्यों ?

वैसे तो ये 14 घण्टे का स्वेच्छा से स्वंयसंयम का संकल्प है, मगर हो जायेंगे लगभग 34 घण्टे ।

वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो 34 घंटे का कर्फ्यू वायरस चक्र में एक ब्रेक साबित हो सकता है । (34 घण्टे इसलिए क्योंकि अमूमन ज्यादातर लोग शनिवार 21 मार्च रात 9 बजे तक घर पहुँच चुके होंगे और इतवार रात 9 बजे तक घर पर रहेंगे और लगभग सोमवार सुबह 7 बजे तक भी घर पर ही होंगे) 34 घंटे अगर वायरस को नए इंसानी शरीर नहीं मिलेंगे तो वातावरण में मौजूद काफी वायरस खत्म हो जाएंगे ।
34 घण्टे में हमारी सड़कें, बाज़ार, दफ्तरों के दरवाजे, रैलिंग, लिफ्ट आदि स्वतः ही स्टरलाइज हो जाएंगे । अंतः आप सभी से निवेदन है की आप इस मुहिम में स्वेच्छा से साथ दें और सकारात्मक विचार फैलाएँ ।

खूश रहें, सुरक्षित रहें ।
😊😊😊😊
नमस्ते ।